भारतीय क्रिकेट टीम में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी हैं. लेकिन आज जिस मुकाम पर वो पहुंचे हैं, वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने कितनी कुर्बानियां दी है और कितना संघर्ष किया है, इस बारे में आपको शायद पता नहीं होगा. कुछ क्रिकेटर तो ऐसे हैं, जिन्होंने क्रिकेट के प्रेम के लिए अपना घर-शहर सब कुछ त्याग दिया. ऐसा ही एक गेंदबाज है, जिसे क्रिकेट के लिए अपना घर और शहर सब कुछ छोड़कर दूसरे स्टेट में जाना पड़ा. लेकिन इस खिलाड़ी की किस्मत तब बदली, जब इसे सौरव गांगुली का साथ मिला.
वो क्रिकेटर कोई और नहीं बल्कि मोहम्मद शमी हैं, जो भारतीय टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज हैं. मोहम्मद शमी दुनिया के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों में शुमार किए जाते हैं. उनका जन्म 3 सितंबर 1990 को हुआ था. उनकी जिंदगी में काफी मुश्किल दौर आए. लेकिन उन्होंने कभी भी क्रिकेट खेलना नहीं छोड़ा. हालांकि एक समय वह बहुत बुरी तरह से टूट गए थे और उनके मन में सुसाइड के ख्याल आने लगे थे. लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने जबरदस्त वापसी की.
बता दें कि मोहम्मद शमी यूपी की तरफ से खेलना चाहते थे. लेकिन उन्हें यूपी की अंडर-19 टीम में शामिल नहीं किया गया, तो उन्होंने बंगाल जाकर खेलना शुरू कर दिया. उनको नेट पर सौरव गांगुली को गेंदबाजी करने का मौका मिला, जहां से उनकी जिंदगी बदल गई. शमी को देखकर सौरव गांगुली उनसे प्रभावित हो गए और बंगाल टीम के चयनकर्ताओं को उनके बारे में बताया और उन पर नजर रखने को कहा.
आखिरकार 2010 में उन्हें रणजी टीम में चुन लिया गया और फिर उनकी टीम इंडिया में भी जल्द ही एंट्री हो गई. शमी ने खुद एक बार इस बात का खुलासा किया था कि उनकी जिंदगी में एक ऐसा दौर भी आया था, जब उन्होंने सुसाइड करने की सोचा था. हमेशा कोई ना कोई उनके साथ रहता था और उन पर नजर रखता था कि कहीं वो कुछ ऐसा-वैसा ना कर लें. हालांकि अब मोहम्मद शमी अपनी जिंदगी के बुरे दौर से बाहर निकल चुके हैं और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.